गयाजी स्थित विष्णुपाद मंदिर अपनी अनंत महिमा से विश्वविख्यात है यहाँ गर्भ गृह में भगवान श्री हरि विष्णु का चरण चिह्न प्रतिष्ठापित है दिव्य चरण( रजत)चाँदी के अष्टदल पहल के अंदर है ,ठीक पहल के सामने माता महालक्ष्मी जी का विग्रह है । यहाँ परिवार के सुख शांति के लिये , वैभव प्राप्ति के लिये व सब प्रकार के अभिलाषा के पूर्ति हेतु प्रायः भक्त जन पूजा कर्मकाण्ड ,प्रार्थना अर्चना करते है ,नारायण विष्णु अपनी कृपा से सबकी मनोकामना पूर्ण करते है ,इसमें कोई संसय नही । जैसी जिसकी भावना होती है ,फल भी उसी के अनुरूप प्राप्त होता है । विष्णुपाद मंदिर में होने वाले पूजन इस प्रकार है
1.) तुलसी अर्चना – इस पूजन में पंचोपचार पूजन विधि को ले विष्णु सहस्रनाम से श्री नारायण विष्णुपाद के चरण पर तुलसी दल अर्पित किया जाता है ।
2.) अभिषेक – इस पूजन में भगवान के चरणों पर वैदिक मंत्रों के द्वारा जल, दूध व पूजन समाग्री को अर्पित कर ,सुख शांति समृद्धि ,परिवार के संतति के लिये प्रार्थना की जाती है यह वैदिक पौराणिक पूजन की विशिष्ट पद्धति है ।
3.) अन्यान्य पूजन व अभिषेक है
4.) वैशाख मास ,कार्तिक मास ,अगहन मास ,माघ मास में यह पूजन ,अभिषेक करना अनंत फलदायी होता है