गया जी ,शंका औऱ समाधान
बहुयात लोगों को गया जी के प्रति गया श्राद्ध के प्रति अनेकानेक भ्रम व शंकाए है , कुछ भ्रम औऱ शंकाओं का मैं प्रश्नोत्तर मैं आप श्रद्धालुओं के समक्ष रख रहा हूं ।
1. गया जी का श्राद्ध कब करें ?
उत्तर -गया जी का श्राद्ध आप कभी कर सकते यह शास्त्रोचित है । गयायां सर्वकालेषु पिण्डम दध्यात विचक्षण ।
2. गया जी श्राद्ध करने के बाद क्या महालया पितृपक्ष में घर होने वाले श्राद्ध ,दान कर्म ,भोजन ,इत्यादि कराना चाहिए या नही ? उत्तर- गया जी श्राद्ध करने के पश्चात भी पितृपक्ष में या तिथियों पर किये जाने वाले श्राद्ध कर्म ,दान कर्म ,ब्राह्मण भोजन इत्यादि बंद नही होगें क्योकि देवकार्य औऱ पितृकार्य कभी बंद नही होते ।
3. गया श्राद्ध का अधिकारी कौन -कौन है ? पिता के मृत्यु के पश्चात ही पुत्र श्राद्ध का अधिकारी होता है , एक पिता के पांच पुत्र भी हो तो सभी पुत्र गया श्राद्ध कर सकते है इसमें कोई संशय नही । गया जी में सधवा या विधवा दोनों औरते अपने कुल के उद्धार के लिए गया श्राद्ध पिण्डदान कर सकती है ,यहाँ स्वयं माता सीता ने पिण्डदान किया और सामज़ को समानता प्रदान की ।
4. क्या माता के जीवित होते पिता का गया श्राद्ध किया जा सकता है ? उत्तर – माता के जीवित होने पर भी मृत पिता का गया श्राद्ध किया जा सकता है ।यह शास्त्र सम्मत है किंतु पिता के जीवित होने पर पुत्र गया श्राद्ध का अधिकारी नही है ।
5 पितृदोष का निवारण क्या है ? उत्तर -पितृदोष के निवारण के अनेकानेक निवारण औऱ उपाय है ,किन्तु अधिक प्रभावकारी त्रिपिंडी श्राद्ध ,व अंतिम निवारण गयाश्राद्ध है । ऐसे अनेक शंकाओं के समाधान के लिये संपर्क करें ।